जल और जीवन: चंद्रमा की बर्फ से पृथ्वी के महासागरों तक

NSD

चाँद की सूनी रेतों में बहते पानी का स्वप्न जितना कोमल है, उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी। यहाँ तरल जल की अनुपस्थिति जीवन की आशा को बुझाती सी लगती है। फिर भी, ध्रुवीय छाया में बसी बर्फ की हल्की चमक और मिट्टी में बँधे सूक्ष्म जल-अणु, चंद्रमा को वैज्ञानिक दृष्टि से नया मायना देते हैं। चंद्रमा की ध्रुवीय खाईयों में जहाँ दिनभर अँधेरा पसरा रहता है, वहाँ जल-बर्फ के छुपे ठंडे भंडार हैं। यह बर्फ, सनकी सूर्य-किरणों से अछूती, हजारों वर्ष तक मौजूद रहने का धैर्य रखती है। चंद्रयान-1 के मून मिनरलॉजी मैपर ने इन सांझी बूंदों की उपस्थिति की पुष्टि की—एक ऐसे क्षण का उद्घोष जब चंद्रमा के भीतर भी जीवन-संकट की कांति दिखी।

फिर भी, जीवन की संभावनाएँ यहाँ नगण्य हैं। न कोई स्थिर वातारण, न नियमित तापमान, और न ही सुरक्षा बहाने वाला कोई कवच। सूक्ष्मजीवों का न urध्रुवीय सर्दी में टिकना आसान, न फैली हुई धूल में पलना। पर वैज्ञानिकों की जिज्ञासा इन चुनौतियों से नहीं घबराती—वे उस बर्फ को अंतरिक्ष का ईंधन बनाने के सपने बुनते हैं, जहाँ अगला मानव ठिकाना अपनी प्यास बुझाएगा। वर्षों की धूप और रात की खाँसी—चाँद की सतह पर तापमान में भारी अंतर थर्मल तनाव जगाता है, जो छोटे-छोटे थर्मल मूनक्वेक्स को जन्म देता है। इसके साथ ही, सीधे सौर विकिरण और प्रचण्ड अंतरिक्ष-किरण जीवन की कोमलता को झकझोरते हैं। पतला एक्सोस्फीयर, जहां गैसें भी रिश्ते नहीं बना पातीं, जीवन के अंकुर को सींचने नहीं देता।

दूसरी ओर, हमारा “नीला ग्रह” पृथ्वी 71% जल से सरोबार है। महासागरों की विशाल चुनरी, नदियों की सरगम, ग्लेशियरों के धीमे आंसू—सभी मिलकर जीवन-गीत गाते हैं। ताजे पानी की झीलों और भूमिगत धाराओं ने मानव को घर दिया, पौधों को पोषण और जैव विविधता को रंग-रूप। पृथ्वी पर जलवायु और जल चक्र—वाष्पीकरण की कोमल उड़ान, संघनन की मधुर बूँदें, वर्षा की सुलगन—सदाबहार जीवन का संगीत रचते हैं। हमारा वायुमंडल और ताप-मान, जीवन के लिए एक कोमल आलिंगन बनकर, हर जीव के लिए सुरक्षित रहने का आश्रय प्रदान करते हैं। इन रहस्यों का अनावरण करने के लिए हमने भेजे हैं ऑर्बिटर, लैंडर और सैटेलाइट—स्पेक्ट्रोस्कोपी से बँधी चंद्र-बर्फ की कहानी, GRACE के गुरुत्व-मानचित्र, LRO की ध्रुवीय तस्वीरें। पृथ्वी पर, हाइड्रोलॉजिकल नेटवर्क रेखांकित करता है नदियों का प्रवाह, सैटेलाइट इमेजिंग दिखाती है महासागरों का मूड, और जैविक शोध खोलता है पानी के भीतर के सूक्ष्म संसार को।

चंद्रमा और पृथ्वी—दोनों पर जल की खोज ने हमें समझाया कि पानी मात्र तत्त्व नहीं, जीवन का संवेदक है। चाँद पर बर्फ के भंडार हमें अगली यात्रा का ईंधन दे सकते हैं; पृथ्वी पर बहता मीठा जल हमें अस्तित्व की लय सिखाता है। युवा मनो, इस तकदीर-नुमा सरिता में गोते लगाओ, क्योंकि जहाँ भी जल की बूँदें गूँजेंगी, वहाँ हरियाली, हरपल जीवन और आशा का उजास खिल उठेगा।

Tags

Share this story

Around the web

Latest News

Features

You May Like